माँ लक्ष्मी की पूजा के पहले व पूजा करते समय रखे इन बातो का विशेष ध्यान
- GKM
- November 3, 2023
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दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनत्रयोदशी से हो रही है। धनत्रयोदशी यानि कि धनतेरस, नरक चतुर्दशी के बाद दिवाली का समापन भाईदूज के साथ होता है और उसके बाद गोवर्धन पूजा होती है। दिवाली पर गणेश के साथ लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। अगर आप दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो इन कुछ बातों का ध्यान रखें।
पंचांग के अनुसार इस साल 24 अक्टूबर को दिवाली पर्व मनाया जा रहा है। इसके साथ ही इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाने वाली है। अगले दिन सूर्य ग्रहण है। जानिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
दीपावली में महालक्ष्मी की पूजा करते समय मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। मान्यता है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। दीपावली पर माता लक्ष्मी के साथ गणेश, कुबेर और मां सरस्वती की पूजा करें। दीपावली के दिन महालक्ष्मी के सामने सात मुख वाले घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। दीपावली के दिन पूजा के समय कलश भी स्थापित करना चाहिए। पीतल, तांबे के कलश में एक नारियल रखें और
उसमें पानी भरकर उसमें आम के पत्ते डाल दें।
दीपावली के दिन दरवाजे पर आम के पत्तों का तोरण यानि कि वंदनवार जरूर लगाएं। इसके साथ ही महालक्ष्मी के पैरों के निशान मुख्य द्वार पर इस प्रकार लगाएं कि वह बाहर से घर में प्रवेश करती दिखाई दें। महालक्ष्मी की पूजा करते समय गेंदे के फूल, बताशा, खीर, अनार, पत्ते, सफेद और पीली मिठाई, गन्ना आदि चढ़ाए जाते हैं। इसके साथ ही महालक्ष्मी और गणेश की पूजा करते समय याद रखें कि आपका चेहरा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
कुबेर यंत्र को महालक्ष्मी के साथ सही दिशा में रखें। ऐसा करने से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है।
लक्ष्मी जी की मूर्ति लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
हिंदू परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप मूर्ति खरीदें तो उसमें देवी लक्ष्मी विराजमान हों। चूंकि आदर्श मुद्रा कमल पर विराजमान लक्ष्मी है। मान्यता है कि खड़े होने की मुद्रा में लक्ष्मी के जल्दी जाने की संभावना होती है। इसलिए जब भी माँ लक्ष्मी की मूर्ति लें तो ध्यान रखें कि वह कमल पर विराजमान हों।
अपने कमरे के किसी भी हिस्से में देवी लक्ष्मी की बहुत अधिक मूर्तियां या चित्र न लगाएं। अपने पूजा कक्ष में मूर्तियों और पूजा को रखने के लिए एक ऊंचा क्षेत्र स्थापित करें। उस चबूतरे पर एक लाल कपड़ा बिछा देना चाहिए, साथ ही कुछ दाने बिखरे हुए हों।